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दरभंगा में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऐतिहासिक शांतिपूर्ण मार्च, हज़ारों की संख्या में लोगों ने लिया हिस्सा

दरभंगा, 12 अप्रैल 2025:
आज दरभंगा जिले में एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व शांतिपूर्ण मार्च का आयोजन किया गया, जो वक्फ संशोधन बिल के विरोध में निकाला गया। इस मार्च में जिले के विभिन्न समुदायों से हज़ारों की संख्या में नागरिकों ने भाग लिया और इस काले कानून के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।

इस विरोध मार्च की अगुवाई जिले के प्रमुख समाजसेवियों, धर्मगुरुओं, शिक्षाविदों और स्थानीय नेताओं ने की। यह मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा और प्रशासन द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन करते हुए संपन्न हुआ। दरभंगा शहर के मुख्य चौक, दरबार हॉल, लहेरियासराय होते हुए यह मार्च ज़िला समाहरणालय तक पहुँचा, जहां एक ज्ञापन जिला पदाधिकारी को सौंपा गया।

क्या है वक्फ संशोधन बिल?
वक्फ संशोधन बिल केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में संसद में पेश किया गया है, जिसमें वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, उपयोग और निगरानी से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रावधानों को बदला गया है। आलोचकों का कहना है कि यह संशोधन वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को समाप्त करता है और सरकार को वक्फ संपत्तियों में हस्तक्षेप का अधिक अधिकार देता है। साथ ही, इससे धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

जनता की आवाज़:
मार्च में शामिल लोगों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लिए हुए थे, जिन पर “वक्फ बोर्ड की आज़ादी को बचाओ”, “हमारे धार्मिक अधिकारों पर हमला नहीं चलेगा” और “संविधान की रक्षा करो” जैसे नारों से जनभावना व्यक्त की गई।

प्रशासन की भूमिका:
जिला प्रशासन और पुलिस बल ने पूरे मार्च के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए। कहीं से भी किसी तरह की अशांति या अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली, जिससे यह साबित होता है कि यह विरोध पूरी तरह अनुशासित और लोकतांत्रिक था।
दरभंगा में हुआ यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन यह दर्शाता है कि लोकतंत्र में नागरिकों की भागीदारी और आवाज़ की अहम भूमिका है। वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ उठी यह एकजुट आवाज़ अब राज्य और केंद्र सरकार के सामने एक बड़ा सवाल बनकर उभरी है — क्या यह कानून अल्पसंख्यक समुदाय के हित में है या उनके खिलाफ?

दरभंगा जिले में आज वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में एक विशाल शांतिपूर्ण मार्च आयोजित किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में जिले भर के लोगों ने एकजुट होकर इस "काले कानून" के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। प्रदर्शनकारी संविधान और वक्फ की अस्मिता की रक्षा के लिए एकजुट नजर आए।