नई दिल्ली, 26 जून 2025
भारतीय नौसेना ने 24 और 25 जून 2025 को नई दिल्ली में हिंद महासागर नौसेनिक संगोष्ठी (Indian Ocean Naval Symposium – IONS) के समुद्री सुरक्षा पर कार्यकारी समूह (IWG-MARSEC) की बैठक की मेज़बानी की। इस महत्वपूर्ण दो दिवसीय बैठक में 13 सदस्य देशों – ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस, भारत, केन्या, मोज़ाम्बिक, ओमान, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, तंजानिया और थाईलैंड – के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग की नई दिशाएँ
IONS के तहत कार्यरत IWG-MARSEC समूह को एक प्रमुख मंच के रूप में देखा जाता है, जो सदस्य देशों के बीच संवाद, सहयोग और व्यावहारिक परिणामों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह मंच ऐसे समय में अत्यंत प्रासंगिक हो गया है, जब हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region – IOR) लगातार बदलते सुरक्षा परिदृश्य, नई समुद्री चुनौतियों और समुद्री अपराधों का सामना कर रहा है।
बैठक के उद्घाटन सत्र में, रियर एडमिरल निर्भय बापना, जो वर्तमान में भारतीय नौसेना के विदेशी सहयोग और खुफिया विभाग के सहायक प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं, ने मुख्य संबोधन दिया। उन्होंने भारत की ओर से IOR में क्षेत्रीय समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दोहराया और वर्तमान समय में बहुपक्षीय प्रयासों और संयुक्त रणनीतियों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
समुद्री सुरक्षा पर गहन विमर्श और साझा रणनीतियाँ
बैठक के दौरान, सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने विस्तृत विचार-विमर्श में भाग लिया, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा ढाँचे को मज़बूत करना था। विमर्श के मुख्य बिंदु निम्नलिखित रहे:
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जानकारी साझाकरण की रूपरेखा को मज़बूत करना
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Maritime Domain Awareness (MDA) को विकसित करना
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नवीनतम समुद्री खतरों से निपटने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना
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सामंजस्यपूर्ण संचालन दिशा-निर्देशों (Operational Guidelines) का निर्माण
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तेज और समन्वित प्रतिक्रिया तंत्र स्थापित करने के लिए व्यावहारिक उपायों पर चर्चा
इन मुद्दों पर की गई चर्चाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि सदस्य देशों के लिए समुद्री सुरक्षा न केवल राष्ट्रीय हितों से जुड़ी हुई है, बल्कि यह आर्थिक स्थिरता, व्यापारिक निर्बाधता और क्षेत्रीय शांति के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।
साझा संकल्प और भावी दिशा
बैठक में लिए गए निर्णय और विचार-विमर्श से एक समन्वित, सुरक्षित और उत्तरदायी समुद्री क्षेत्र के निर्माण की दिशा में ठोस पहल की उम्मीद है। यह IONS वर्किंग ग्रुप मीटिंग न केवल साझा सुरक्षा लक्ष्यों की पुष्टि करती है, बल्कि यह एक सशक्त सामूहिक दृष्टिकोण को भी दर्शाती है, जिसके माध्यम से सदस्य देश समुद्री क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने और समुचित विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में स्थायी शांति और सहयोग के लिए न केवल एक सहभागी है, बल्कि एक प्रेरक शक्ति भी है।
IONS के ढाँचे के तहत ऐसे संवाद भविष्य में भी होते रहेंगे, जो समुद्री रणनीति, सहयोग और साझा सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कड़ी साबित होंगे।
रिपोर्ट – न्यूज एनालिसिस टीम | नई दिल्ली
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