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वृक्षारोपण के लिए ग्रीन न्यूक्लियर बम: श्याम चौरसिया का अविष्कार

भारतीय युवा की अनोखी पहल: ग्रीन न्यूक्लियर बम जो पेड़ उगाता है, तबाही नहीं मचाता

वाराणसी,[अजीत मिश्र ब्यूरो चीफ़ ] वाराणसी के युवा इनोवेटर श्याम चौरसिया ने एक ऐसा अनोखा बम बनाया है जो फटते ही 1 करोड़ बीज ज़मीन पर गिरा देता है और धीरे-धीरे उस स्थान की बंजर ज़मीन हरे-भरे जंगल में बदल जाती है। इस अद्भुत अविष्कार को नाम दिया गया है — "ग्रीन न्यूक्लियर बम"। यह बम एक असली हथियार नहीं बल्कि एक ईको-फ्रेंडली इनोवेशन है, जिसका उद्देश्य वनों का विस्तार करना है ¹ ².

क्या है ग्रीन न्यूक्लियर बम?

ग्रीन न्यूक्लियर बम में लगभग 25 किलो वज़न होता है और इसके अंदर भरे जाते हैं बायो-सीड कैप्सूल, जिनमें बीजों के साथ जरूरी पोषक तत्व और सूक्ष्म खाद मिलाए गए होते हैं। जब यह बम किसी खुले क्षेत्र में फेंका या छोड़ा जाता है, तो वह एक करोड़ तक बीज बिखेरता है, जो मिट्टी में जाकर स्वतः अंकुरित हो जाते हैं।

कहाँ हो सकता है इस बम का इस्तेमाल?

- बंजर ज़मीन को उपजाऊ बनाने में
- जंगलों की कटाई के बाद पुनर्वनरोपण में
- रेगिस्तानी क्षेत्रों में हरियाली फैलाने में
- वायु प्रदूषण नियंत्रण और कार्बन अवशोषण में भी

श्याम चौरसिया की विशेषता

श्याम चौरसिया वाराणसी के निवासी हैं और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के प्रिय प्रयोग धर्मियों में सबसे खास रहे हैं। वे पहले भी कई रोबोटिक डिवाइसेज़ बना चुके हैं, लेकिन ग्रीन न्यूक्लियर बम उनका सबसे ज्यादा चर्चित और सामाजिक रूप से उपयोगी प्रोजेक्ट बन गया है। उनका मानना है: "हम हथियारों से नहीं, हरियाली से लड़ेंगे जलवायु परिवर्तन से" ¹.

सरकार की भूमिका

अब देखना यह है कि सरकार की नजर में यह इनोवेटर कब आता है? अगर सरकार का सहयोग मिला तो इस ग्रीन बम से प्रदेश और देश को चहुंओर पेड़ों से हरा भरा करने में देर नहीं लगेगी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात श्रृंखला में श्याम चौरसिया के इस विशेष ग्रीन बम की भी चर्चा अवश्य होनी चाहिए।