देवरिया/लखनऊ।
उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा के एक प्रतिष्ठित अधिकारी और 2010 के UPPSC टॉपर अरविंद कुमार सिंह को सरकार द्वारा सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई उनके द्वारा देवरिया में स्थानांतरण के बावजूद कार्यभार ग्रहण न करने पर की गई है। अरविंद कुमार सिंह 2012 बैच के PCS अधिकारी हैं और उन्होंने फिजिक्स में गोल्ड मेडल हासिल करने के साथ-साथ Bachelor of Engineering (BE) की डिग्री भी प्राप्त की है।
उनकी पहली नियुक्ति कन्नौज में डिप्टी कलेक्टर के रूप में हुई थी, जिसके बाद वह मेरठ, अलीगढ़, शामली सहित कई जिलों में ADM (अपर जिलाधिकारी) पद पर कार्यरत रहे। पिछले तीन वर्षों से वह बिजनौर में ADM (वित्त एवं राजस्व) के रूप में तैनात थे।
हाल ही में उन्हें बिजनौर से देवरिया स्थानांतरित किया गया था और सरकार द्वारा 3 जून को उन्हें कार्यमुक्त भी कर दिया गया था। लेकिन, नियत समय सीमा के भीतर उन्होंने देवरिया में कार्यभार ग्रहण नहीं किया। इस गंभीर लापरवाही को उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक अनुशासन का उल्लंघन मानते हुए उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया।
इस घटनाक्रम से एक बार फिर यह स्पष्ट हुआ है कि राज्य सरकार प्रशासनिक अनुशासन और जवाबदेही के प्रति कोई समझौता नहीं करती। सिविल सेवाओं में उत्कृष्टता और शैक्षणिक योग्यता के बावजूद यदि कोई अधिकारी अपनी ज़िम्मेदारियों से चूकता है, तो उस पर कार्रवाई निश्चित है।
गौरतलब है कि अरविंद कुमार सिंह का करियर शुरुआत से ही प्रेरणादायक रहा है। यूपी पीसीएस परीक्षा 2010 के टॉपर के रूप में पहचान बनाने के बाद उन्होंने एक मेहनती और ईमानदार अधिकारी की छवि बनाई थी। लेकिन कार्यभार न ग्रहण करना उनकी छवि पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है।
प्रशासनिक हलकों में इस निर्णय को एक सख्त और स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि सरकार की दृष्टि में जवाबदेही सर्वोपरि है, चाहे वह किसी भी स्तर का अधिकारी क्यों न हो।